Sanjay Izawa RTI 48.62% Opposition MPs suspended: यूपीए (कांग्रेस) ने 10 वर्षों में अपने ही 25 सांसदों को सत्र से निलंबित करके सत्र की गरिमा को बरकरार रखा, जबकि एनडीए ने 9 वर्षों में अपने एक भी सांसद को सत्र से निलंबित नहीं किया। एनडीए ने 9 साल में 93 लोकसभा सांसदों और 48 राज्यसभा सांसदों को निलंबित किया है। एनडीए ने 9 साल में 54 कांग्रेस सांसदों को निलंबित किया है, लेकिन यूपीए द्वारा निलंबित बीजेपी सांसदों की संख्या शून्य है।
हाल ही में सूरत शहर के एक जागरूक नागरिक संजय इझावा(Sanjay Izawa RTI) द्वारा दायर एक आरटीआई में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है जो लोकतंत्र के लिए बहुत ही हानिकारक है। RTI की जरिए लोकसभा और राज्यसभा ने ये जानकारी दी है। लोकसभा और राज्यसभा द्वारा दी गई इस जानकारी से यह स्पष्ट है कि देश की जनता द्वारा चुने गए कई सांसदों को सांसद सत्र में बैठने की भी अनुमति नहीं है।
पिछले कुछ सालों से एनडीए सरकार ने विपक्षी सांसदों को निशाने पर रखा है। धारा 374 ए, 252, 254, 255, 257, 259 और 260 के तहत सांसदों को निलंबित करने और उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। 2014 से अब तक एनडीए सरकार 1 और 2 द्वारा लोकसभा में 93 विपक्षी सांसदों और राज्यसभा में 48 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा के 545 सांसद और राज्यसभा के 245 सांसदों को मिलाकर दोनों सत्रों में 790 सांसद होते हैं। पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार द्वारा दोनों सत्र की कुल सीट के लगभग 17.85% सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।
2004 से 2014 तक यूपीए सरकार 1 और 2 के कार्यकाल के दौरान, लोकसभा में 36 और राज्यसभा में 7 सहित 43 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।जिनमें से लगभग 25 लोकसभा सांसद उनकी अपनी ही पार्टी इंडियन नेशनल कांग्रेस के सांसद थे। यानी UPA द्वारा निलंबित विपक्षी सांसदों की संख्या सिर्फ 18 है। दोनों सत्रों के 790 सांसदों में से यूपीए द्वारा 10 वर्षों में 18 सांसदों को निलंबित किया गया, जो 2.28% का प्रतिशत है पिछले 9 सालों में एनडीए ने 790 में से 141 सांसदों को निलंबित किया है, जो 17.85% का प्रतिशत है।
2019 में फूल एनडीए गठबंधन के जरिए 353 सीटें जीतकर सत्ता में आए।विपक्ष में करीब 192 सांसद हैं,राज्यसभा में फिलहाल 98 विपक्षी सांसद हैं, यानी कुल 290 विपक्षी सांसदों में से 141 सांसद पिछले 9 साल में किसी न किसी कारण से निलंबित हो चुके हैं।जिसका प्रतिशत 48.62% है, जो बहुत गंभीर मामला है.. 15 करोड़ से ज़्यादा मतदाताओं द्वारा चुने गए सांसद को लोकसभा और राज्यसभा सत्र में जनता की आवाज बनकर बोलने का अधिकार अब समाप्त हो गया है।
किस पार्टी के कितने सांसद निलंबित?
Indian National Congress INC – 43
All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam AIADMK- 34
Telugu Desam Party TDP- 14
Yuvajana Shramika Rythu Congress Party YSRCP- 1
Aam Aadmi Party AAP- 1
All India Trinamool Congress party AITC- 14
Indian National Congress INC – 11
Aam Aadmi Party AAP- 6
Communist Party of India (Marxist) CPI(M)- 5
Dravida Munnetra Kazhagam DMK-5
Bharat Rashtra Samithi BRS- 3
Communist Party of India CPI-2
Shiv Sena SS- 2 शामिल है.
राज्यसभा में सबसे अधिक बार किसे निलंबित किया गया है?
1). संजय सिंह :-
वह दिल्ली से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्य करते हैं। संजय सिंह को सबसे ज्यादा ३ बार (2020,2022,2023) राज्यसभा से निलंबित किया गया।
2). सांतनु सेन:-
वह एक भारतीय डॉक्टर और पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सदस्य हैं। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद उन्हें २ बार (2021, 2022) राज्यसभा से निलंबित किया जा चुका है।
3). डोला सेन:-
एक भारतीय राजनीतिज्ञ और ट्रेड यूनियनिस्ट हैं। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद। उन्हें २ बार (2020, 2022) राज्यसभा से निलंबित किया जा चुका है।
4). डेरेक ओ’ब्रायन:-
एक टेलीविजन व्यक्तित्व और क्विज़ मास्टर हैं। वह पश्चिम बंगाल से राज्यसभा में संसद सदस्य और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के सदस्य हैं। वह २ बार (2020, 2021) राज्यसभा से निलंबित किया जा चुका है।
5). इलामारम करीम:-
ट्रेड यूनियनिस्ट और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य। वह वर्तमान में केरल से राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें २ बार (2020, 2021) राज्यसभा से निलंबित किया जा चुका है।
6). रिपुन बोरा:-
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य, वह असम से राज्यसभा में सांसद हैं। उन्हें 2 से अधिक बार (2020, 2021) राज्यसभा से निलंबित किया जा चुका है।
7). शांता छेत्री:-
एक भारतीय राजनीतिज्ञ, पश्चिम बंगाल से राज्यसभा में संसद सदस्य और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के सदस्य हैं।उन्हें २ बार (2021, 2022) राज्यसभा से निलंबित किया जा चुका है।
बाक़ी सभी सांसद सदस्यों को एक-एक बार सदन से निलंबित किया जा चुका है।