Maha Shivratri 2023: साबरकांठा(Sabarkantha) के हिम्मतनगर(Himmatnagar) स्थित रायगढ़ में Maha Shivratri पर्व के मौके पर स्थानीय युवाओं द्वारा एक विशाल शिवलिंग तैयार किया गया है. यह शिवलिंग रुद्राक्ष(Rudraksha) की माला से बना है। इसके लिए करीब 20 स्थानीय युवक पिछले कुछ दिनों से श्रमदान करने लगे हैं। जिससे युवाओं ने पूरे जोश के साथ 21 फीट ऊंचे इस शिवलिंग को तैयार किया है. श्रद्धालु दर्शन के साथ जल से उनका अभिषेक कर सकेंगे। इसके लिए एक विशेष सीडी सुविधा भी तैयार की गई है।
हर साल Maha Shivratri पर रायगढ़ में युवाओं द्वारा आकर्षक आयोजन किया जाता है। पौराणिक वैजनाथ मंदिर हिम्मतनगर से 20 किमी दूर रायगढ़ में स्थित है। शिवरात्रि पर इस मंदिर में भक्त बड़ी संख्या में आते हैं। जहां श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए आकर्षित करने की प्लानिंग के साथ समुचित व्यवस्था की जाती है।
7 लाख रुद्राक्षों का प्रयोग किया गया
हिम्मतनगर के रायगढ़ में वैजनाथ महादेव का मंदिर करीब 800 साल पुराना है। मंदिर के निर्माण को पौराणिक रखने का प्रयास किया गया है। स्थानीय रायगढ़ गांव में विशेष रूप से बड़ी ब्राह्मण आबादी है। प्रत्येक समाज के स्थानीय युवा मिल कर शिवरात्रि की तैयारी करते हैं। इस बार रायगढ़ गांव के करीब 20 युवकों ने 21 फीट ऊंचे शिवलिंग का निर्माण किया है. विशाल शिवलिंग को तैयार करने में रुद्राक्ष का प्रयोग किया गया है।
इसकी तैयारी तीन महीने पहले शुरू की गई थी। इसके लिए 7 लाख पवित्र रुद्राक्षों का उपयोग किया गया था। रुद्राक्ष को कलईदार तार में पिरोकर विशाल मालाएँ तैयार की जाती थीं। सीमेंट और रेत से 21 फीट ऊंचे शिवलिंग को तैयार करने का काम शुरू किया गया। अंत में एक विशाल रुद्राक्ष की माला लपेटकर शिवलिंग तैयार किया गया।
रुद्राक्ष वाराणसी से मंगवाए
रुद्राक्ष को विशाल शिवलिंग पर स्थापित करने का प्रयास कठिन था। लेकिन युवाओं ने उत्साह से इस कार्य को पूरा किया। आयोजक अर्पित शुक्ला ने खुलासा किया कि पवित्र रुद्राक्ष लेने के लिए हम वाराणसी पहुंचे। जहां से रुद्राक्ष की माला मंगाई गई थी। माना जाता है कि अच्छे काम के लिए इस्तेमाल होने वाले पवित्र रुद्राक्ष यहां एक खास जगह से आते हैं। जिसके अनुसार हमने पवित्र स्थान से ही मनके मंगवाए।
शिवलिंग पर अभिषेक के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। आयोजक अर्पितभाई ने दिखाया कि हमने यह भाव रखा है कि शिवलिंग पर भक्तों का अभिषेक होना चाहिए। इसलिए विशाल सीढ़ी की व्यवस्था की गई है। ताकि श्रद्धालु दर्शन के साथ जलाभिषेक भी कर सकें।