राजस्थान(Rajasthan) में आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए सरकारें हर बजट में घोषणाएं करती हैं, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं होता है। पिछले कुछ समय से कुत्तों से लेकर बैल और अन्य जानवरोंकी हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस तरह की घटनाओं में बच्चों की मौत भी हुई है, लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं देती और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।
अडफात लेकर बैल ने महिला को सड़क पर फेंका:
मामला जोधपुर के तिनवारी इलाके का है। गत बुधवार को यहां घर लौट रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीमा राजपुरोहित (39) दो सांडों के बीच मारपीट का शिकार हो गई। एक बैल ने एक महिला को सड़क पर फेंक दिया और बैल उसके ऊपर दौड़ पड़ा। हादसे में महिला वहीं बेहोश हो गई और उसके कान से खून बह रहा था। उसका सिर भी जख्मी हो गया। महिला का फिलहाल जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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घायल महिला को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया:
स्थानीय लोगों ने बताया कि सीमा बुधवार दोपहर घर लौट रही थी। हमेशा की तरह रास्ते में दो-तीन बैल खड़े थे। वह आगे बढ़ी कि अचानक दो बैल उसकी ओर दौड़ पड़े। सांडों में से एक ने सिमाको एडफेट लिया। वह सड़क पर गिर गई और बेहोश हो गई। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और किसी तरह उसे संभाला।घायल सीमा को इलाज के लिए तिनवारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे जोधपुर रेफर कर दिया गया।
साथ ही मंगलवार को तिनवारी में सांडों की लड़ाई में एक बुजुर्ग महिला कमला देवी घायल हो गईं। हादसे में उसका पैर टूट गया। उसका अभी भी इलाज चल रहा है।
पहले पंचायत समिति स्तर पर और अब ग्राम पंचायत मुख्यालय पर नंदीशाला के निर्माण की घोषणा की। लेकिन तीन साल के विज्ञापन के बाद भी शहर में नंदीशाला नहीं खुली। स्थानीय निवासी भंवरलाल मीणा ने कहा कि वह इसे सुलझाने के लिए स्थानीय गोशाला प्रबंधकों और ग्राम पंचायत प्रशासन से बात करेंगे।